मैं एक बात अक्सर कहता रहता हूँ कि इस दुनियां मे शायद फूलों से सुन्दर कुछ भी नहीं.. और शायद इसलिए ही हमें सुन्दरतम् की उपमा हमेशा फूलों से ही देनीं पड़ती है.. फूलों के रूप में यह एक जादू है जो प्रकृति ने हमें यूं ही दे दिया है.. 'यूँ ही' इसलिए क्यूंकि और ढ़ेर सारी बहुमुल्य चीजों की तरह इनकी कोई विशेष उपयोगिता नहीं है, ये यूं ही खिल जाते है..
इस बार आपके लिए कुछ सुन्दरतम् फूल रांची के 'जैव विविधता उद्यान' से..
इस उद्यान में गुलाबों का एक अलग बागीचा है, जिसमें कई तरह के गुलाब देखे जा सकते है:
यहां के जलीय उद्यान में खिला यह नील कमल:
जिस तेज गति से समय भागा जा रहा है, इससे बिलकुल पता ही नहीं रहता कि कब एक पूरा वर्ष बीत गया, और कब नया साल दस्तक देने लगा.. बहरहाल, नए वर्ष के आगमन पर मैं सभी मित्रों से बस यही कहना चाहता हूँ कि जीवन सौन्दर्य से भरपूर है, इसे देखें, महसूस करें, इसे पूरी तरह से जीएँ.. नया साल एक खाली किताब सा है, और पेन आपके हाथ मे है; आप इसमें अपने लिए एक खूबसूरत सी कहानी लिख सकते हैं.. और मेरी शुभकामनाएं तो हमेशा आपके साथ हैं ही..
इन फूलों सा ही सुन्दर आपका नव वर्ष भी हो.. :)
सार्थक प्रस्तुति।
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आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल सोमवार (29-12-2014) को पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद.. शास्त्री जी.... :)
Deleteबेहद सुंदर....
ReplyDeleteशुक्रिया.. :)
Deleteबहुत ही सुन्दर.. सचमुच...
ReplyDeleteआपका नव वर्ष भी इन फूलों जैसा ही सुन्दर हो...
शुक्रिया.. :)
Deleteइन फूलों की सुन्दरता के सामान आपका नया वर्ष भी सुन्दर हो l
ReplyDeleteधन्यवाद प्रसाद जी..
Deleteबेहद सुंदर....
ReplyDeleteधन्यवाद..
Deleteबहुत दिनों बाद आना हुआ ब्लॉग पर प्रणाम स्वीकार करें
ReplyDelete:) आपका स्वागत है हमेशा...
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